EVERYTHING ABOUT HINDI POETRY

Everything about Hindi poetry

वहीं मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।। देखि तुही छींके पर भाजन ऊंचे धरि लटकायो । वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।। बुंदेले हरब

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